Shayari
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गई वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई!
इन आँखों में कभी हमारे आंसू आये न होते, अगर वो पीछे मुड़ कर मुस्कुराये न होते, उनके जाने के बाद यही गम रहेगा, के काश वो हमारी जिंदगी में आये न होते।
दिन हुआ है, तो रात भी होगी, मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी। वो प्यार है ही इतना प्यारा, ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
ये मेरी महोब्बत और उसकी नफरत का मामला है, ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर।
होले होले कोई याद आया करता है, कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है, उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं, जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।
सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर, जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर।
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई, न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई, अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ, कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।
अगर कोई खता हो गई हो तो सजा बता दो, क्यों है इतना दर्द बस इसकी वजह बता दो, भले ही देर हो गई हो तुम्हे याद करने में, लेकिन तुम्हे भूल जायेंगे ये ख्याल दिल से मिटा दो।
क्यों अनजाने में हम अपना दिल गवां बैठे, क्यों प्यार में हम धोखा खा बैठे, उनसे हम अब क्या शिकवा करे क्योंकि गलती हमारी ही थी, क्यों हम वेदिल इंसान से दिल लगा बैठे।